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जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी

विज्ञान प्रदर्शनी

बच्चों के लिए जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी

  • देश के बच्चों में उत्साोहवर्धन, लोकप्रिय और वैज्ञानिक मनोदशा के समावेश के लिए एनसीईआरटी प्रतिवर्ष राष्ट्रीदय स्तोर की विज्ञान प्रदर्शनियों का आयोजन करती है जहाँ बच्चेा विज्ञान एवं गणित एवं उनके विभिन्नर क्षेत्रों में अनुप्रयोगों का जीवन में महत्व के लिए अपनी प्रतिभाओं को प्रस्तु त करते हैं।
  • वर्ष 1971 में दिल्लीत में एनसीईआरटी तथा विश्व विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा संयुक्तस रूप से बच्चों के लिए राष्ट्री्य विज्ञान प्रदर्शनी के बैनर के अंतर्गत प्रथम विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसके पश्चाित् बच्चोंी के लिए राष्ट्रीबय विज्ञान प्रदर्शनियाँ एनसीईआरटी द्वारा स्वायं ही आयोजित की गई।
  • वर्ष 1972 से 1978 तक, आयोजित राष्ट्रीबय एवं राज्यस स्तोर की विज्ञान प्रदर्शनियों को लोकप्रिय बनाने में अपने संयुक्त प्रयासों में जवाहर लाल नेहरू स्माबरक निधि ने एनसीईआरटी को सहयोग प्रदान किया।
  • वर्ष 1988 में जवाहर लाल नेहरू के जन्म शताब्दीं वर्षरूप में आयोजन से राष्ट्री य विज्ञान प्रदर्शनी का पुनर्नामकरण ''बच्चोंन के लिए जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीवय विज्ञान प्रदर्शनी'' किया गया। इस वर्ष (2012) जो कि 'गणित वर्ष' के रूप में मनाया जा रहा है तथा पर्यावरण संबंधित विषयों को अधिक महत्वम देने के लिए अब इस प्रदर्शनी का नाम बच्चोंं के लिए जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीषय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी (JNNSMEE) कर दिया गया है।
  • कार्यक्रम में अधिकाधिक संभव प्रतिभागिता तथा विद्यार्थियों एवं अध्या पकों का शामिल होना सुनिश्चित करने के लिए एनसीईआरटी ने प्रदर्शनी को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया। पहले चरण में प्रदर्शनियाँ प्रत्येरक राज्यि तथा संघ प्रदेशों में जिला से राज्यि स्तशर तक आयोजित की जाती है। इस प्रथम चरण को बच्चोंश के लिए राज्या स्तंर विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी (SLSMEE) के नाम से जाना जाता है। प्रत्येरक प्रतिभागी राज्यत, संघ प्रदेश तथा अन्या शैक्षिक संस्थाएँ जैसे सीबीएसई (संबंधित स्व्तंत्र स्कूल), केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, परमाणु ऊर्जा विभाग केंद्रीय विद्यालय तथा एनसीईआरटी के बहुउद्देशीय प्रायोगिक विद्यालय अपनी चुनी हुई प्रविष्टियों में से चुनी हुई प्रविष्टियों से राष्ट्री य प्रदर्शनी जिसे अब (JNNSMEE) के रूप में जाना जाता है का आयोजन प्रतिवर्ष किसी राज्यर/संघ प्रदेशों में बारी-बारी से करती है। इस प्रदर्शनी में प्रविष्टियों का चुनाव अधिसूचित मापदण्डों के आधार पर किया जाता है।

  • प्रदर्शनी के उद्देश्य

  • बच्चों को अपनी स्वातभाविक जिज्ञासा एवं रचनात्मअकता के लिए एक मंच उलब्धध कराना, जहाँ वे अपनी ज्ञान पिपासा हेतु खोजबीन कर सकें;
  • बच्चों को अपने आस-पास हो रहे क्रियाकलापों में विज्ञान की उपस्थि‍ति का अनुभव कराना और ज्ञात कराना कि हम भौतिक एवं सामाजिक पर्यावरण से अधिगम प्रक्रिया को जोड़कर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं तथा अनेक समस्या ओं का समाधान भी कर सकते हैं;
  • आत्मएनिर्भरता, सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-पर्यावरणीय विकास के लक्ष्यव की प्राप्ति हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास को प्रमुख साधन के रूप में देखने पर बल देना;
  • समाज के उपयोग हेतु अच्छी गुणवत्ताे एवं पर्यावरण अनुकूल सामग्री के उत्पासदन हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देना;
  • बच्चों को राष्ट्रक के भविष्या के प्रति दूरदर्शी बनाना तथा उन्हें संवेदनशील एवं जिम्मेतदार नागरिक बनने हेतु प्रोत्साकहित करना;
  • विश्लेपषण करना कि विज्ञान का विकास किस प्रकार हुआ है तथा यह विविध व्याक्तियों, संस्कृशतियों एवं समाजों से प्रभावित भी हुआ है;
  • स्वस्थ एवं संपोषणीय समाज को बनाए रखने हेतु वैश्विक मुद्दों पर विवेचनात्मंक सोच विकसित करना;
  • कृर्षि, उर्वरकों, खाद्य-प्रसंस्कोरण, जैव तकनीकी, हरित ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, खगोल विज्ञान, क्रीड़ा तथा खेल कूद एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने इत्या्दि के क्षेत्र में नये उपायों को तलाशने में विज्ञान की भूमिका को सराहना;
  • पर्यावरणीय मुद्दे और सरोकारों के बारे में जागृति फैलाना तथा बच्चोंन को इनके निपटारों के लिए अभिनव विचारों के सृजन हेतु प्रेरित करना;
  • दैनिक जीवन में आने वाली समस्यादओं की सजीव कल्पबना करने एवं उन्हेंट हल करने हेतु गणित को प्रयोग में लाना इत्यायदि।
  • इन प्रदर्शनियों से अपेक्षा की जाती है कि छात्र तथा अध्यानपक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास तथाश नए अनुसंधानों द्वारा, समाज में प्रगति लाने एवं उन्हेंौ पोषित करने में मानव प्रयासों के सभी पहलुओं पर विचार करेंगे, जिससे जीवन की गुणवत्तान में सुधार हो सके। विज्ञान प्रदर्शनियों के आयोजन के सभी प्रतिभागी छात्रों, शिक्षकों तथा आगंतुकों को विभिन्नु उपकरणों, युक्तियों तथा तकनीकियों से परिचित होने का अवसर प्राप्ता होगा। यह प्रयास छात्रों तथा अध्यािपकों को समाज तथा पर्यावरण की विभिन्ना समस्यागओं से संबद्ध वैज्ञानिक विचारों का सृजन करने में भी सहायक होगा।
  • अपनी स्थाीपना के समय से ही प्रत्ये क प्रदर्शनी विषय विशेष पर केंद्रित होती है। 1979 से अब तक के प्रदर्शनी के मुख्य विषयों को तालिक-1 में दिया गया है। राज्य। स्त रीय प्रदर्शनियों तथा प्रदेशों एवं मॉडलों के निर्माण के लिए उप विषयों की सूची भी प्रदान की जाती है। एनसीईआरटी सभी राज्योंं एवं संघ प्रदेशों को प्रदर्शों तथा मॉडलों को बनाने के लिए एवं प्रदर्शनियाँ आयोजित करने हेतु मुद्रित दिशानिर्देश प्रदान करती है। इन दिशानिर्देशों में सभी उपविषयों का मुख्यआ विषय के संबंध में महत्वद तथा इनके लिए प्रदर्शों के विकास के लिए सुझाव दिए जाते हैं। इन दिशानिर्देशों को एनसीईआरटी की वेबसाईट www.ncert.nic.in पर भी अपलोड किया जाता है। विज्ञान की लोकप्रियता में एनसीईआरटी के प्रयासों के उत्सा हवर्धन हेतु राज्यै एवं संघ प्रदेशों को उत्प्रे रक अनुदान भी दिया जाता है।
  • विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान, प्रतिभागी विद्यार्थी और अध्यापक मॉडलों एवं प्रदर्शों के माध्यीम से अपनी वैज्ञानिक प्रतिभाएं ही नहीं दिखाते अपितु उन्हें जिस क्षेत्र में प्रदर्शनी आयोजित होती है उस क्षेत्र के जाने-माने वैज्ञानिकों और विद्वानों को सुनने का अवसर भी प्राप्त् करते हैं। साथ ही वे आपसी मेल-मिलाप और विचार-विमर्श कर सकते हैं और इस प्रकार वे हमारे देश की विविध संस्कृीतियों का साझा करते हैं।